Monday, June 17, 2024

मुलुंड पश्चिम स्मशान भूमि में पारिवारिक जगडा अचानक हिंसक दंगे में बदल गया, कई पुलिसकर्मी घायल


मुलुंड पश्चिम स्मशान भूमि में पारिवारिक जगडा अचानक हिंसक दंगे में बदल गया, कई पुलिसकर्मी घायल










मुलुंड पश्चिम, सोलह जून 2024 - मुलुंड पश्चिम के इंदिरा नगर क्रमांक तिन के निवासी अपने परिजन पप्पू सिंग नेपाली की मृत्यु के बाद उसके देह को अग्नि संस्कार के लिए मुलुंड पश्चिम स्मशान भूमि में रात के नव बजे लेकर आए थे। सूत्रों से पता चला की इंदिरा नगर से निकलते वक्त ही आपस में जगडा शुरू होगया था, जब अग्नि दाह की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी, जगडा बढ़ गया और हिंसक दंगे में परिवर्तित हो गया स्मशान भूमि के बहार भैय्यासहेब आंबेडकर चौक पर भी लाठियों से मारपीट चल रही थी, मुलुंड पोलिस की मोबाईल वेन क्रमांक १ वहाँ से गुजर रही थी तब ये सब देख कर उस वेन में नियुक्त अधिकारी श्री दिनकर नारायण कुवर, महिला पोलिस सिपाही गुंजळ, वेन चालक योगेश वळवी वेन से उतर के जगडा मिटाने का प्रयास करने लगे तब सरे नेपाली नशेमे धुत लोगो ने इन पोलिस कर्मियो पर लाठी बरसाना चालू किया सूत्रों और पब्लिक से पता चला है कि ये पप्पू सिंग नेपाली की मैयत में आये सभी लोग नशे में थे और उन्होंने अग्नि दाह के लिए लाई गई लकड़ियों का इस्तेमाल मारपीट के लिए किया। और सुतो से ये भी पता चला है की दोनों गुटों ने मुलुंड के बहार से गुंडे भी बुलाये थे दंगा करने के लिए जो चाकू और चोपर ले कर आये थे, जब स्थिति काबू से बाहर होने लगी और पुलिस कर्मियों पर हमला जारी रहा, तो मुलुंड पुलिस स्टेशन से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर भेजा गया। इस संघर्ष में एक पुलिस अधिकारी संभाजी जाधव मिल स्पेशल के दाएँ हाथ में गंभीर चोटें आईं फ्रेक्चर लगाना पड़ा और चार अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। सुत्रोसे ये भी पता चला है कि नशे में धुत लोगों ने एक महिला पुलिसकर्मी को पेट में लात मारी है। लगभग एक घंटे से ज्यादा ये हिंसक दंगा चला, फिर पुलिस के बड़े दल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और कई लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस हवालात में डाल दिया गया। लेकिन कई लोग भाग गए, उन्कोभी पोलिस तलाश कर रही है, और सूत्रों से ये भी पता चला भाई पोलिस मोबाईल वेन को भी तोड़ने प्रयास किया गया था, इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता १४१, १४३, १४७, १४९, ३५३, ३२४, ३३२, के तहेत एफ आई आर क्रमांक 369 दिनांक सत्रा जून २०२४ सुभ दो बजके तेरह मिनट पे, दर्ज की गई है। जिसमे मुख्या आरोपी है दिनेश सुरेश थलारी, नवराज धनसिंग ठाकूर, अभिषेक सुनील थलारी, सचिन मोहनसिंग दास, सुनील दानसिंग थलारी, राहुल राजेश परियार व इतर पचास लोग, मुलुंड पुलिस स्टेशन के बाहर पूरी रात तनावपूर्ण माहौल बना रहा। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अजय जोशी से जब इस घटना के बारे में जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। जोशी तनाव में दिखाई दिए और भीड़ में से किसी ने कहा कि जोशी इस दंगे को तुरंत नियंत्रित नहीं कर पाए, जिसकी वजह से उनका ट्रांसफर या डिमोशन हो सकता है। यह घटना न केवल स्थानीय समुदाय के लिए बल्कि पुलिस प्रशासन के लिए भी गंभीर चुनौती बनी हुई है।



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